आंदोलनरत आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को तीन दिन का अल्टीमेटम, सेवाएं हो सकती हैं समाप्त
उत्तराखंड में बाल विकास परियोजना अधिकारी ने धरने और आमरण अनशन पर बैठीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकायों को तीन दिन में काम पर लौटने का अल्टीमेटम दिया है।
 

उन्होंने ऐसा नहीं करने पर सेवाएं समाप्त करने की चेतावनी दी है। मानदेय समेत कई मांगों को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पिछले 53 दिनों से हिंदी भवन परिसर में आमरण अनशन कर रही हैं।

बाल विकास परियोजना अधिकारी की ओर से जारी नोटिस में कहा गया है कि आंदोलन व कार्य बहिष्कार के चलते स्वास्थ्य योजनाओं के साथ ही केंद्र व राज्य सरकार की ओर से संचालित कल्याणकारी योजनाओं को लागू कराने में दिक्कतें आ रही हैं। 

दूसरी ओर, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने साफ  कहा है कि वे सरकार व शासन के आगे झुकने वाली नहीं हैं। यदि उनकी मांगें स्वीकार नहीं की गईं तो आमरण अनशन जारी रहेगा। 


डीपीओ से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की वार्ता विफल



नई टिहरी में छह सूत्री मांगों को लेकर कार्य बहिष्कार कर आंदोलनरत आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की मंगलवार को  जिला कार्यक्रम अधिकारी संदीप अरोड़ा से वार्ता विफल हो गई। कार्यक्रम अधिकारी ने उन्हें हड़ताल खत्म कर काम पर लौटने को कहा, लेकिन वे नहीं माने।

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता  प्रति माह 18 हजार न्यूनतम मानदेय देने, सरकार की ओर से दिए गए फोन खोने पर धनराशि न काटने,  यात्रा भत्ता देने और मिनी आंगनबाड़ी को समान कार्य का समान मानदेय देेने की मांग को लेकर लंबे समय से आंदोलनरत है। मांग के समर्थन में कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को विकास भवन बाल विकास कार्यालय में धरना दिया।